कोई हीर -रांझा नहीं थे, पर मोहब्बत सच्ची करते थे।। कोई हीर -रांझा नहीं थे, पर मोहब्बत सच्ची करते थे।।
सब ने ये रिवाज बड़े शिद्दत से निभाया हैं हमसे। सब ने ये रिवाज बड़े शिद्दत से निभाया हैं हमसे।
चाहतों के बाज़ार में हम उनका इंतज़ार ही कर रहे थे ! वह आए और हमारा ही भाव लगा गए ! चाहतों के बाज़ार में हम उनका इंतज़ार ही कर रहे थे ! वह आए और हमारा ही भाव लगा...
कोई नाम दे इसको मुहब्बत सरीखी, कोई लिख कर गजल बता दे बारीकी। कोई नाम दे इसको मुहब्बत सरीखी, कोई लिख कर गजल बता दे बारीकी।
सभी से जताई वफा हमने लेकिन, मुखालिफ हमारा जमाना रहा। सभी से जताई वफा हमने लेकिन, मुखालिफ हमारा जमाना रहा।
वरना इस उम्र में हमने क्यों ऐसा सोचा होगा। हमने क्यों ऐसा सोचा... वरना इस उम्र में हमने क्यों ऐसा सोचा होगा। हमने क्यों ऐसा सोचा...